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Ye Hai Mera Hindustan Mere Sapno Ka Jahaan

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ये है मेरा हिंदुस्तान मेरे सपनो का जहान।-ज़ुबैर रिज़वी  ये है मेरा हिंदुस्तान मेरे सपनो का जहान इससे प्यार मुझको। हस्ता-गाता जीवन इसका धूम मचाते मौसम, हस्ता-गाता जीवन इसका धूम मचाते मौसम, गंगा-जमना की लहरों में सात सुरों के सरगम, ताज के नूराधर से सुंदर तस्वीरों के मंज़र, ये है मेरा हिंदुस्तान मेरे सपनो का जहान इससे प्यार मुझको। दिन अलबेले,रातें इसकी मस्ती की सौदागर, दिन अलबेले,रातें इसकी मस्ती की सौदागर धरती जैसे टूट रही हो दूध की कच्ची गागर, ऊँचे-ऊँचे पर्वत इसके,नीले-नीले सागर, ये है मेरा हिंदुस्तान मेरे सपनो का जहान इससे प्यार मुझको। बादल झूमे,बरखा बरसे,पवन झकोले खाए, बादल झूमे,बरखा बरसे,पवन झकोले खाए, धरती के फैले आगन में यूं खेती लहराए .. जैसे बच्चा माँ की गोद में रह-रह के मुस्काए .... ये है मेरा हिंदुस्तान मेरे सपनो का जहान इससे प्यार मुझको। राधा,सीता,चंदर गाये,गाये इंदुबाल, राधा,सीता,चंदर गाये,गाये इंदुबाल, नैनो में काजल के डोरे,सुर्ख गुलाबी गाल, जुल्फों की वो छायां जैसे शिमला-नैनीताल, ये है मेरा हिंदुस्तान मेरे सपनो का जहान...

Tere Saaye Ko To Chahne De

तेरे साय को तो चाहने दे। तेरे साय को तो चाहने दे, उसको तो मुझसे दूर न कर,मुझे पाने दे, तेरे साय को तो चाहने दे। पानी सा शीतल है वो तो, बादल सा कोमल है वो तो, इस दुनिया के बहकावे में उसको ना आने दे, तेरे साय को तो चाहने दे। कुछ देर वही तो रूककर,वक़्त मुझे दे देता है, मुझको वही तो छूकर एहसास तेरा दे देता है, डर कर संगदिल दुनिया से क्यूँ कहीं और उसे जाने दे, तेरे साय को तो चाहने दे। मेरी तरह वो भी शर्मीला सा लगता है, देख कर मुझको वो भी इधर-उधर छुप जाता है, ये ही अदा तो कातिल है,यूं ही उसे शर्माने दे, तेरे साय को तो चाहने दे।उसको तो मुझसे दूर न कर,मुझे पाने दे। ना हस्ता है ना रोता है,चुप चाप है मेरी ही तरह, दर्द अब वो सहता है,सहता था मै जिस तरह, आँखें कभी-कभी नम मगर करलेता है, कर लेने दे। तेरे साय को तो चाहने दे।