Tere Saaye Ko To Chahne De

तेरे साय को तो चाहने दे।

तेरे साय को तो चाहने दे,
उसको तो मुझसे दूर न कर,मुझे पाने दे,
तेरे साय को तो चाहने दे।

पानी सा शीतल है वो तो,
बादल सा कोमल है वो तो,
इस दुनिया के बहकावे में उसको ना आने दे,
तेरे साय को तो चाहने दे।

कुछ देर वही तो रूककर,वक़्त मुझे दे देता है,
मुझको वही तो छूकर एहसास तेरा दे देता है,
डर कर संगदिल दुनिया से क्यूँ कहीं और उसे जाने दे,
तेरे साय को तो चाहने दे।

मेरी तरह वो भी शर्मीला सा लगता है,
देख कर मुझको वो भी इधर-उधर छुप जाता है,
ये ही अदा तो कातिल है,यूं ही उसे शर्माने दे,
तेरे साय को तो चाहने दे।उसको तो मुझसे दूर न कर,मुझे पाने दे।

ना हस्ता है ना रोता है,चुप चाप है मेरी ही तरह,
दर्द अब वो सहता है,सहता था मै जिस तरह,
आँखें कभी-कभी नम मगर करलेता है, कर लेने दे।
तेरे साय को तो चाहने दे।

Comments

Popular posts from this blog

Raksha Bandhan - Jiski Bahan Nahin Hoti.

Ashamed

Ek Nukte Wich Gal Mukdi Ae-Bulle Shah