Laai Hayaat Aaye -By 'Zauq'
लाई हयात आये (Life Brought Me So I Came)- Zauq लाई हयात आये,कज़ा ले चली चले, अपनी ख़ुशी न आये न अपनी ख़ुशी चले। Life brought me so I came,death take me away so I go, Neither I came on my own nor with my will I go. बेहतर तो है यही के न दुनिया से दिल लगे, पर क्या करें जो काम न बे-दिल्लगी चले। It's better to not get attached to the world so, what to do when not showing raillery doesn't go. कम होंगे इस बिसात पर हम जैसे बद-क़िमार, जो चाल हम चले सो निहायत बुरी चले। There are very few gamblers as bad as I am, Whatever move I made very bad I go. हो उम्रे-खिज्र भी तो भी कहेंगे ब-वक्ते-मर्ग, हम क्या रहे यहाँ अभी आये अभी चले। Even being immortal,at the time-of-death I will say, I am not their for too long,here I came,here I go. दुनिया ने किसका राहे-फ़ना में दिया है साथ, तुम भी चल...