Akeli Holi
अकेली होली
भीगी गलियों से बौछार न आई,
मीठी गुंजियों की मिठास न भाई,
तेरे बिना साजन फीकी है रंगोली,
कैसे काटूं मै बैरागन ,ये अकेली होली।
जब सब लकड़ी सुलगाएँगे,
मै अपना दिल जलाउंगी,
बेमतलब होंगे शोर मचाएगी जो टोली,
कैसे काटूं मै बैरागन ,ये अकेली होली।
अब कौन गुलाल लगाएगा,
मेरे आँचल को भीगाएगा,
किसके संग होंगी अब वो अठखेली,
कैसे काटूं मै बैरागन ,ये अकेली होली।
मेरे आँखों के आंसू से ,कई पिचकारी भर जाएंगी,
तनहाइयाँ ही बस मेरा साथ निभाएंगी,
दरवाज़े पर राह तके बुझेगी ये अन्भुज पहेली,
कैसे काटूं मै बैरागन ,ये अकेली होली।
गुंजिया = a special sweet made during holi.; बैरागन = one who devotes her life for someone( recluse)
टोली = holi festival groups; अठखेली = mischief making ; अन्भुज = unsolved.
awsme...
ReplyDeletehriday ko chhu gaya..
ReplyDeleteyeh jaan kar khushi hue ki meri rachna ne aapke hriday ko chua,thank you Navya
Deletebeautiful composition, Cifar. Well done.
ReplyDeleteThank you, Meenakshi
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