Ye Marz Na Nazar Aata Hai
ये मर्ज़ न नज़र आता है।
Ye Marz Na Nazar Aata Hai.
तुम नहीं होते तो ग़म भड़ जाता है,
ये मर्ज़ ऐसा है जो न नज़र आता है।
Tum nahin hote to gham bhad jata hai,
Yeh marz aisa hai jo na nazar aata hai.
उन पुरानी राहों पर अब मैं भटक जाता हूँ ,
कोई रास्ता ही अलग न नज़र आता है।
Un purani rahon par ab mein bhatak jaata hun,
Koi rasta hi alag na nazar aata hai.
सर्द रातों में हवाएं,हूँ कंबल गर्मी में लिए,
मौसमों का फ़र्क़ न समझ आता है।
Sard raton mein hawayein,hun kambal garmi mein liye,
mausamon ka farq na samajh aata hai.
ढूंढ़ता हूँ गयी कहाँ किस्मत से ख़ुशी,
तकदीर के ये वर्क़ फटा नज़र आता है।
Dhoondta hun gayi kahan kismat se khushi,
Takdeer ka ye waraq fata nazar aata hai.
ऐ सिफ़र ! भूल जा अब न आएंगे वो कभी,
इन दुआओं का असर क्यूँ न नज़र आता है।
Ae Cifar! Bhool ja ab na aayenge wo kabhi,
In duaon ka asar kyun na nazar aata hai.
Marz(मर्ज़ ) = Disease
Waraq(वर्क़) = Page
बहुत सुंदर.
ReplyDeleteNew Post : The Helpless God
ये मेरे लिए सम्मान कि बात होगी,मेरी रचना को पसंद करने का धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत.......... उम्दा
ReplyDeleteThis was beautiful...:)
ReplyDeleteसुंदर रचना !
ReplyDeleteबहुत सुंदर!
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