Phate Panne
फटे पन्ने।
उस दिन कुछ फटे पन्ने मिले।
उस दिन कुछ फटे पन्ने मिले,
तो फिर लगा तुम मिल गए।
उनमें तुमने लिखी कुछ बातें थीं,
उनमें तुम्हारी यादें थीं,
थे जज़्बात सारे हिल गए,
तो फिर लगा तुम मिल गए।
खुशबू से घर महक गया,
पगला ये मन था चहक गया,
जब पन्नो को बैठी जोड़ने,
सब दर्द लगे थे छोड़ने,
चंद फूल दिल में खिल गए,
तो फिर लगा तुम मिल गए।
उस दिन ..........................
हर लव्ज़ था कुछ बोलता,
वो प्यार फिर से घोलता,
पल भर को दिल ने मान लिया,
जैसे तुने फिर थाम लिया,
सुर थे धडकनों में घुल गए,
तो फिर लगा तुम मिल गए।
उस दिन कुछ ...................
उसमे लिखा वो फरमान था,
जब मुझसे हुआ तू अनजान था,
कितने थे मुझे शिकवे-गिले,
पर तुम मुझे फिर न मिले,
मुझसे अलग तुम सपने बुन गए,
तो फिर क्यूँ लगा तुम मिल गए।
उस दिन कुछ फटे पन्ने मिले,
तो फिर लगा तुम मिल गए।
very well written.
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